मयी का कहते गुझर गई रात रेमोरी पूछी न एक हुआ बात सजनकंगना बन वा दियो सोने केमुरी छूट गई बापुल गलियाउठा डोला विछड गई सब सथियामुहे देश विराने ले आईमुरा जनम आई जी मुरा जनमजनम का थात सजन कंगना बन वा दियोसुनीची सुने के सुनीचीबेरी भारी बतरी आ गईहम बाचारी कोयली आ गगईकाहे रूठ गई मुहों से सजनाकाहे अब मुरा जी काहे अब मुरा जीराज रात सजन कंगना बन वा दियोसुनीची मैं का कहते गुझर गई रातमोरी पूछे ना एक हुबातसजन कंगना बन वा दियोसुने के जी कंगना बन वा दियोसुनी के सुने के