अरे बाई हो
छोड़ी ना
लागा तो कमर के कमरा बन गई काजी
अरे सोनी ना
अंगे अंगे देहियां उजाड गई
दिने दिने आदप्त बिगार गई
अरे राजा जी अंगे अंगे देहियां उजाड गई
की राजा हवा तू हम है राणे पैसे कहने ना पाने
पाने की लोलिया छूट गई
राजा बूझ ही ना पर सेहनी या औरीं का न �ாमरी ं ठूट हूच having our
उंगाली अमेधाली
घमरी जी कह जी ठूट � helmet
हमर बर्शनी कमरिया डूट गई
खड़खल जवानी बाते
आजाबे सुरूर जी
कोरी लेनी हो रहें
हमरे से दूर जी
हम हम के नानी हरी वलम हमर साड़िया ना उतारी वलम
हमनी अत्तो हर जाना ताने ऐसे कोरी ना खेंचा ताने
की चुड़िया है तूट गई राजा बुझी ना हमारे परसनी
कमरिया डूट गई अभी सो रहे उमारी अमेबाणी कमरिया डूट गई
राजा बुझी ना हमारे परसनी कमरिया डूट गई
अभी से जानी कोरी पिया है
दोरद के घर जी
नासे नासे छड़े लागे हमारो लागे जी
ये राजा
बरदास करम ये ज़ावानी जानी नासे करम अंकित करम
के बढ़ाल मन माने पिया राखेश तू छोड़ दा नदाने
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