रूआ होता खार ना समार होता जारा
एही में गौरम करे लुधानी पारा
बाली का ठुआई तोड़ा जगता के प्यार हो
कहे ना पूझे लुफीलिंग हमार हो
आवा आवा साइया फेको रोजाईया
भागो ना में हर से डार के
दिस हमर भाँ हमर धार के
सुता कमर में कमर पकार के
देह ककरी भाईल बहाया का
सुता कमर में कमर पकार के
भागो ना कहे बलाम रंग रसिया
आवा खियाई देहे फल बड़ा महसिया
कोरेला सब के हुए कोरे
देह का
बलाम रंग रसिया
सर्दी जुखाम नाही धारी हो कौन सिया
आवा हिक भापानी पीला
आवेला उन्हाई तू करे लुखो दा खोदी
बढ़ो ता खीस जावो छड़ो तारु गोदी
कियावो ता निखाला ये राजा नटला
रहो ना वैसे हाहार के
जिस हमर भाहा महर धावर के
सुता कोमर में कोमर पकाड के
देह का करी भाईल गाया काड के
सुता कोमर में कोमर पकाड के
जाके दू आजावा, बिछही रापू आजावा, एले नी महन पिया, रहता कू आजावा, डल दी जावा नी के बोलो काया चारावा, करलो पिया हो मुड के कच्छारावा, अरे गही में रही डालो ना
बोलो पिरी इसके बोली दबुड नाई, करना राई, पिछवना पभाई, अब जा सूतो
बानी हमें हाले राखो ख्याले, कामिली हमादा से लाड़के, दिसोमर भाहा महर धावड़के, सूता कमर में कमर पकाड़के, देह ककरी भाईल बहाया काड़के
सूता कमर में कमर पकाड़के, आवो आग बुता ये दी