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Bài hát kalki katha do ca sĩ Devesh Kundan thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat kalki katha - Devesh Kundan ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Kalki Katha chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
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Lời bài hát: Kalki Katha

Nhạc sĩ: Devesh Kundan

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

श्री हर के दस्वे अवतार की गाता गाते हैं
पावन कता सुनाते हैं
श्री कल की अवतार की भक्तों गाता गाते हैं
ये कथा है बड़ी महान
सब सुनो लगा के ध्यान
इस कथा की है पहचान निले मोहां गावलेदान
चार युगो की कथा है भक्तों चारो है महान
सत्युग तुरेता ्द्वहपर और कल युग का है ये ज्ञान
सत्युग में भगवाण प्रभल थे रہते थे सण्म्धुक
देव मनुजमें भेद नहीं था दोनों थे उन्म्धुक
सत्युंगा में भगवाण भक्त की बात पे आते थे
सच्चे मन से जब पुकारे दोडे आते थे
सत्युग बीता धर्ती पर तृता जी आते हैं
श्री विष्णु के अवतार श्री राम क पाते हैं
रामायन की बातें हम कल्युग में सिनाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
श्रीकल की भगवान की भक्तों गाता गाते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान
इस कथा की है पहचान मिले मोहांगा वरदान
रामायन की घटना बीती सब जग है जाने
द्वापर में है श्रीकृष्ण जी सब ही ये माने
बाल रूप में रची थी लील सब ही बताते हैं
कृष्ण की पावन धर्ती वरंदावन को जाते हैं
रची महाँ भारत कृष्ण में सब ही बताते हैं
अपनी लीला रचने को लीला धर्वाते हैं
करने जग उध्धार प्रभूतो रूप रचाते हैं
करुणा करके करुणमै किर्पा बरसाते हैं
अआपे सीव शर्वारी इस ऋर वो काम उससे सैंत Perfume ce devoir लायें
इसका ताती है पहचान मिले वो होगा वरदान
शिव के आशिरवाद से कल युग धरापे आते हैं
करके दंडवत प्रभू को अपना शीष जुकाते हैं
शिव की आज्या लेके कली में लिया धरा आधार
राजा परिछित सनमुक देखें मन में करें विचार
सस्त्र उठाकर राजा ने पूछा है तुम हो कौन
हाथ जोड़ कर कल युग बोले नहीं रहे वो मान
कल युग राजा परिछित को परिछे बतलाते हैं
जाओ कहां मैं राजन उनसे पूछ के आते हैं
कल युग के रहने का राजन स्थान बताते हैं पावन कता सुनाते हैं
श्री कल युग भगवान कि भक्तों गाता गाते हैं हम कता सुनाते हैं
ये कता है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
इस कता की है पहचान, मिले मोह मांगा वरदान
खल्युग ने आ करके मचाया जग में बड़ा घमसान
धर्म धजाना रही सुरक्षित जलते धर्मस्थान
पापी क्रोधी मदलोभी करने लगे उठान
धर्म करम पर चलने वाले गए पतन अस्थान
पाप धरा पर बढ़ती जाती मुनी बताते है
कहते हैं सभी प्रबल है कल्युग ये हम गाते हैं
लाज सर्मना रही लोक में नरहा मान सम्मान
मात पिता को बोज समजते स्वेम उनकी संतान
धरा बचाने कल्युग में नारायन आते है
पवन कता सनाते है
श्रीकल की भगवान की हम तो गाता गाते हैं हम कता सनाते हैं
ये कता है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान
इस कता की है पहचान मिले मुह मांगा वरदान
पाप बड़ी जब जब धरती पर प्रभू बचाते हैं
लेकर तब अवतार हरी इस धरा पे आते हैं
पाखंड करे जो धरती पर होगा वो पुन्यवान
वेद पुरानों का कल्युग में होगा बड़ा अपमान
विश्वास नहीं बस भ्रम ही होगा फैला चारोर
प्रेम स्रधा का नाम न होगा अंधरकार चहवोर
स्वेम को ही भगवान कहेंगे कल्युग में कुछ
लोग पाखंडी अत्याचारी को भजेंग नित ही लोग
पाप का नाम मिठाने को नारायन आते हैं पावन कथा सनाते हैं
श्रीकल की भगवान की भक्तों गाता गाते हैं हम कथा सनाते हैं
ये कथा है बड़ी महाण सब सुनो लगाके ध्यान
इसका थाकी है पहचान मिले मोहाँगा वरदान
इस कल्युग के अंत में भगवान कल्की आएंगे
पापी दुराचारी का धरास नाम मिठाएंगे
द्वापर में जब श्रीकरिष्न ने त्यागा था संसार
चक्रिष्ण धर्शन फाड के धर्ती में गए थे समाय
64 कला से युक्त कल्की जी लेंगे धरा अवतार
चक्रिष्ण धर्शन श्रीकल की जी हात मिलेंगे धार
महापुर्स जो सात है जग में वो भी आएंगे
पर्सुराम अश्वत्था माहनमान जी आएंगे
कल्युग की बाते हम तो कल्युग में गाते हैं पावन कता सनाते हैं
श्रीकल की भगवान की भक्तों गाता गाते हैं हम कता सनाते हैं
ये कता है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान
इस कता की है पहचान मिले मोह मांगा वरदान
राजा बली और वेद व्याश भी भी शन आएंगे
द्वापर में जो क्रिपाचार थे वो भी आएंगे
सातों शक्तियां सातमें मिलकर करेंगे फिर तो
ब्रहार कल युग का हो अन्त सभी मिल करेंगे ऐसा वार
जल थल हो या धारा गगन में कल की आएंगे कल
युग के कृत्यों का भक्तों नाम मिठाएंगे
रहे न जग में कल युग का वो नाम मिठाएंगे
अखिल जगत में कल युग को श्री विश्णु हराएंगे
कल की देव का कर आराधन भजन सुनाते हैं पावन कथा सुनाते हैं
श्री कल की भगवान की भक्तों गाता गाते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है पड़ी महान सब सुनो लगाते ध्यान
इस कथा की है पहचान मिले मोह मांगा वरदान

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