मोत हो गया है कालाकार की आज
नाम का बादशा तू है नाम की ताच
काम से आपना फिर नहीं है साथ
सासे नहीं यारे कोई नहीं है पास
मोत हो गया है कालाकार की आज
नाम का बादशा तू है नाम की ताच
काम से आपना फिर नहीं है साथ
सासे नहीं यारे कोई नहीं है पास
कोई नहीं है पास
मेरे सगल वले दिनों में
फैक्स नहीं हकीकत ये बोल राम में
गानों में दो वक्की रोटी
और चादर की है बात फिर
काहे की आराम चाहे दुने के मसालों में
हराम काई अपने जमीर का भी सोचा नहीं पाई बोले सब को पर
किसी पे भरोसा नहीं सगल से भी आगे रखा दिल से उतारा नहीं
जिन्दीगी से ख़फाई दाख से कभी हारा नहीं मोत हो गया है काला कार की आज
नाम का बादशा तू है नाम की ताज काम से अपना फिर
नहीं है साब सासे नहीं है और कोई नहीं है पास
कोई नहीं है पास मेरे
कोई नहीं है पास मेरे
कोई नहीं है पास मेरे
सगल वाले दिनों में नहीं है पास मेरे
बापो ने नाम दिये फिर जाके नाम किये अखें मेरी लाली है कलाई तर्थ किये
खोमा हो सड़को बेसीका हो तर्थो से
रगे तो मिले पर लड़का इसन की है
आसू भी पूसती जब आप मेरे पास नहीं है
हग का खाया लेकिन किसी का भी मारा नहीं है
मेनट तो करे जाना किसी की ओकात नहीं है
कोई शिष करने वालों की ना कभी हार नहीं है
नहीं रूया भी नहीं जाता चुटा बेटा हूं मैं घर का
तरपे जिम्मेधारी जेसे बड़ा हूं मैं घर का
रह गई अधूरी आज कलम है दास्ता
रह गई सुना नहीं मेरी कलम है दास्ता
मौत हो गया है कलागार की आज
शतू है नाम की ताथ काम से अब ना फिर नहीं है जात
सास नहीं है यारी कोई नहीं है पास कोई नहीं है पास मेरे
कोई नहीं है पास मेरे
कोई नहीं है पास मेरे स्ट्रेगल वाले पिनों में
नहीं है पास मेरे