मौजीका लालो
हर जगहिया देवरु लाल पिला कोईले बाड़ो
लाल पिला कोईले बाड़ो
视जीकाला रोंगिक्षन
तो भावजी काला रोग से रोणम तू तुकाल के
आगे पीछे घुमीना कदम कईले बाड़ो
तो आपन सिनावासे भावजी हमरा के सटावो
औरे इकैसे
जैसे भाइया के
जड़ोते भगुनमा देवरा काहे तना भवरा जालो
तो होली एमे मिले मोका हमसे दिलावा लगालो
बाकि बकोमन सर्धा बोला उहो देहिं पुराई
सच्मे भावजी हम जुट ना कोहिला
तो भवजी काला रांग से रांगम दूनु गालके
भवजी तानी
बोबी देवरा भाका तु चाहो ताडो जानो ताडो सबे तकाहे सतावत बाड़ो
सच्मे भावजी
रांगम दूनु गालके तो भवजी काला रांग से रांगम दूनु गालके
मिले दोईल मनके सांती
हाााा
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