एक शमय के बात हो,
राजखाजी भगवान स्री कृष्ण के प्रेम में इतना भाव भी भोरन,
पता ना चले वहाँ के केगर से का पुछता नहीं,
कहीं से सुचना मिलल,
खबर आयेल
कि काल भगवान पाँच बेच के पाँच मिनट,
पाँच सेकंट फर उपस्तित होगाब,
राजखाजी भगवान के आवाई सुनके अपने आप शजे धजे लगने,
शोर हो श्रिंगार शजल,
शोर हो श्रिंगार शजत में पाँच बचके पाँच मिनट,
चार सेकंड बीट गईल,
एक सेकंड बाक की रहल,
एक तक लगावला से आँख में लोर भर गईल,
नयन कालश की
हम अपन पपनी बंद कराओग,
काजर कालश की बस प्रभू आहिया लगने, एक सकन,
कजर निहोर करता नयनास्ति,
कजरारे कजरा,
कजरारे कजरा,
कजरा नेनन करत निहोरा,
अपनी पपनी बंद ना किजियो
आई हा सजन घर मुरा रे
कजरा नैनन करते निहोरा
कजरा नैनन करते निहोरा
निहोरा करता कजरा
परसंग जोन बा
छोटा स्वर्व बाईगो
जोन
पंचम स्टूडियो
आरा के माध्यम से गया है
आप सबके बीच मेरे खल जता
जैमें संगत
तबला के धुरंदर स्री अंजनी बावु
और
बेनजु पर
हरेंदर जी
मिजज अच्छा भाई सबकिर
인्सान फतियोंकरकी�ं�네 पूरातर भाई।
लेकिन जब इंसान मिजाज बजावेला है,
गीत अपने आपमें बोल उठेला है।
बावुर बैन पपी हरा बोले रायन सैने ना भावे।
यही तरीका से
अन्यिस्यो पंचानवे में मिजाज जागला है ये गीत के
लिख देने बड़ा सुन्दर सब्द कुशन के प्रियोक केनी।
तो तो तोड़ा के ध्यान से समझाव,
गौर से जब एक रांदर परकाश दालाव,
तो बहुत गहराई तकलेवाई।
बावुर बैन पपी हरा बोले रायन सैने ना भावे।
बावुर बावुर बोली पपी हरा बोलता रायन सैने ना भावे।
राज के सुतल निमने के लागवा।
बावुर बैन पपी हरा बोले रायन सैने ना भावे।
कागा अभागा सगुन उचारे सजनायव ना यावे।
निर्खति बाती निहारत हारत।
चितवत चंद्री चकूरारे कज़रा नैनन करत निहोरा।
नैनन करते निहूरा
उर तडपत दूर परदिश्या बिन कैसे मिले ना होई
आश लगा कि वादा कईके ना यैले निर्मुहे
उर तडपत दूर परदिश्या बिन कैसे मिले ना होई
आश लगा कि वादा कईके ना यैले निर्मुहे
पुहु कद कजिरा हो हो
पुहु कद कजिरा रात पुनम प्रकाश खेला वतिकूर रे कजिरा नैनन करते निहूरा
अपनी पपने बंद ना किजियो
आई हो सजन घर मुरा रे कजिरा नैनन करते निहूरा