कैसे कहوں मैं मुझे को बता दे
हम दम अपना मुझे को तू मान ले
इश्क न जाने है कोई तहरे
तुझसे है रोशन सारे मेरे अंधेरे
फिर रात ये जवा हो और तू हो यहाँ
नज़दी किया भी छूले नजरों की सुबा
तेरा आत हो राजी आज ये हर जजबात हो दूरी हो नादर में आख
हो जाओ यही तेरा रहो जब तक है ये आसमा
तू
जो है मिला खिलने लगे
दिन ये मेरे था
यहाँ पहले भी यहाँ बिन कुछ तिरे
क्यूं मैं छुपाऊं
क्यूं न बताऊं
कितनी तुझसे चाते
फिर रात ये जवा हो और तू हो
यहाँ नज़दी किया भी छूले नजरों की सुबा