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Bài hát kaise aayi dhara pe ganga do ca sĩ Rakesh Kala thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat kaise aayi dhara pe ganga - Rakesh Kala ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Kaise Aayi Dhara Pe Ganga chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
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Lời bài hát: Kaise Aayi Dhara Pe Ganga

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

गंगा जी की कता सुनाएं, सुन के पाप सब मिट जाएं
गंगा जी की कता सुनाएं,सुन के पाप सब मिट जाएं
कैसे आई धराभे गंगा इस गाथा में बतलाειं
कैसे आई धराभे गंगा इस गाथा में बतलाीं
सूर्ज बंशी राज सगर के गर एक नहीं दो राणी थी
वैदर भी और शेव्या नाम था दोनों बड़ी सयानी थी
दोनों बड़ी सयानी थी
असमन जस शेव्या का पूत्र था मईया जिन की दिवानी थी
मास पिंड हुआ वैदर भी को देख देख परशानी थी
देख देख
परशानी थी
मास पिंड से दुखी बड़ी थी भोले का नित ध्यान लगाएँ
my
mm
आPeople
पस मोल मी नहीं थीिया लगाएँ
विनती सुनके ब्रामण बनकर भौलेनात जी पधारे थे
मास पिंड के साथ हजार टुकडे फिर कर ढारे थे
टुकडे फिर कर ढारे थे
पुप में बदल गये वो विगडे काज समारे थे
पराक्रम की रही नसीम बल बुधी में न्यारे थे
बल बुधी में न्यारे थे
अश्वा मेग यग का राजान इक दिन घोड़ा दिया छुडा
अश्वा मेग यग का राजान इक दिन घोड़ा दिया छुडा
कैसे धरापे आई गंगा इस गाथा में बतलाई
इस गाथा में बतलाई
गंगा मा की कथा
सुनाई सुन के पाप सब मिट जाई
कैसे धरापे आई गंगा इस गाथा में बतलाई
कपिल मुनी का जहाँ शरम था भगती की बहा बहे बयार
यज्य का घोड़ा बादा इंद्रने मुनी समाधी रहे थे धार
मुनी समाधी रहे थे धार
उस घोड़े को खोज रहे थे सगर के पूत्र साथ हजार
घोड़ा छोरी किया किसीने उनके मन में यही विचार
उनके मन में यही विचार
गुसे में थे आग बबूला नजर रहे थे दौडाई
कैसे आई धराः पे गंगा इस गाथा में बतलाएं
कैसे आई धराः पे गंगा इस गाथा में बतलाएं
कैसे आई धराः पे गंगा इस गь़तह में बतलाएं
कपिल मुणी की कुटिया में जब सगर के पूत्र आये थे
चोर समझ के कड़वे कड़वे वचन मुणी को सुनाए थे
कपिल मुणी ने जला श्राप से पल में भास्म बनाए थे
राजा सगर ने खबर सुनी तो मन मन में पछताए थे
मन मन में पछताए थे
कपिल मुणी से आकर पूचा मुक्ति उपाए दो बतलाए
गंगा मा की कथा सुनाए सुन के पाप सब मिट जाए
कैसे आई धरापे गंगा इस गाथा में बतलाए
कहा मुणी ने स्वर्ग लोक से गंगा जी को ले आओ
गंगा जल से मूप्ति होगी इनकी मूप्ति को अगर चाहो
असमन जसने करी तपस्या गंगा माता मान जाओ
ख़ा किसीने लगे रहो तुम यो ना ऐसे गबराओ
असमन जस के अंशुमान थे गंगा को रहिमन वाई
कैसे आई गंगा धरा पे इस गधा में बतलाए
इस गधा में बतलाए
गंगा महा की कथा सुनाए सुन के पापसभ मिट जाए
कैसे आई गنगा धरा पे इस गधा में बतलाए
अन्छमान का तप तपस्य किसी काम ना आया था
कैसे मुक्ति हो पित्रों की इस चिंता ने खाया था
इस चिंता ने खाया था
अण्छमान के भागीरत ने निश्चे यही बनाया था
गंगा मईया मैं
लाऊग़ा तप में ध्यान लगाया था
शीरी क्रिष्न दर्श दिये ते शीष भगीरत रहा जुकाए
कैसे आई धराप गंगा इस गाथा में बतलाए
गंगा मा की कथा सुनाए
सुनके पाप सब मिट जाए
कैसे आई धराप गंगा
इस गाथा में बतलाए
ले भागीरत किशन कनहिय पितर मेरे सब तर जाए
गंगा मा को आज्या देदो मृत्यो लोक में आजाए
मृत्यो लोक में आजाए
दिवस्तूति सुनके काना भागीरत को बतलाए
जिसकी काना भागीरत को समय पास वो गया था आए
कैसे आई धराप गंगा इस गाथा मिट जाए ले भागीरत को बतलाए
गंगा मा की कता सुनाए सुनके पाप सब मिट जाए
कैसे धराप याई गंगा इस गाथा मिट बतलाए
कान हा बोले है श्री गंग बारत वर्ष तुम्हे जाना
सगर के पूत्र भसम हो गए उनको मूक्त है करवाना
उनको मूक्त है करवाना
चेरे धाम वो आ जाएंगे जाकर यतन यही बनवाना
शिवशंकर तेरा वेग सहेंगे उनकी जटा में तेरा ठीकाना
शिरे क्रेश्न से भोली गंगा दुविधा मेरी मेदू सुनाएं
कैसे आई धरापे गंगा इस गाथा में बतलाएं
गंगा मा की कथा सुनाएं सुनके पाप सब मिट जाएं
कैसे धरापे आई गंगा इस गाथा में बतलाएं
मृत्यो लोक में जाँगी में पापी जनवा आएंगे
अपने पाप धोएंगे मुझ में जल मेरे में नाँआएंगे
तो निर्मल हो जाएंगे मेली मुझे कर जाएंगे
मुझे बता दो पाप मेरे वो फिर कैसे धुल पाएंगे
फिर कैसे धुल पाएंगे
काना बोले समझ गया तेरा जो भी अवेप राएं
कैसे धरापे आई गंगा इस गाथा में बतलाएं
गंगा मा की कथा सुनाएं सुनके पाप सब मिट जाएं
कैसे धरापे आई गंगा इस गाथा में बतलाएं
नदी रूप में जागी तुम सागर होगे
तेरे पती
सो भागशाली बनोगी चाहे यमना सरस्वती
चाहे यमना सरस्वती
पुन्यात्मा भगत पुरुष जपनाहाने आएं जती सती
सारे पाप नास्ट हो जाएं दोश रहेगा नहीं रती
दोश रहेगा नहीं रती
भागी रत संग जाओ गंगा चिंता दियों मैं दूर भगाएं
ए psycho
इस गाथा में बतलाएं
गनपत सूरज अगनी विश्णू शिवशिवा को मनाया था
गंगा लाने का अधिकारी पूजा कर के बनाया था
पीछे पीछे गंगा आगे भागी रत खुद आया था
विश्णू क्रिपा से भागी रत गंगा को धरा पे लाया था
गंगा को धरापे लाया था
शिव के जटा में आकर ठहरी वेग सहा तो ना जाये
� pledge challenging to drought stakeholder
सगर के बेटे जहां भसम थे वहाँ पे पहुँची जल धारा
अपने जल में मिला के उनको गंगा जीने पार तारा
गंगा जीने पार तारा
वैकुंठ में वो चले गए सब यितना पाप मिटा सारा
गंगा को भागी रति तब से कहता है ये जग सारा
कहता है ये जग सारा
धोके से जो पाप हुए हैं गंगा उनको धोती जाएं
जर भागी कुछ काइ घरचीत करने X'D
श्वेत वरन है चमपा जैसा पतित पाबनी गंगा है
पापों का उच्छेद करेमा पारतारनी गंगा है
विश्ण प्रिया है धवल किरन सिंख काश्ट हारी निया
गंगा है
विश्ण पदी है परम साद्वी मोक्ष दाईनी गंगा है
मोक्ष दाईनी गंगा है
गंगा पूजन करने वाला पाप भवर में पड़ताना है
गंगा पूजन करने वाला पाप भवर में पड़ताना है
कैसे धराफे आई गंगा इस गाथा में बतलाईं
गंगा मा की कथा सुनाएं सुन के पाप सब मिट
जाएं कैसे धराफे आई गंगा इस गाथा में बतलाईं
गंगा भगती गंगा अस्तती नित गंगा का ध्यान करो
अर हर गंगे जै मा गंगे मैया का गुन गान करो
सोला तरा से पूजन करके तट पे कुछ तोडान करो
गंगा मा से माफी मांगो सुबा सुबा इसनान करो
सुबा सुबा इसनान करो
अश्वमेग यग जैसा फल तो मिल जाता है पलमाईं
गंगा आई धरावे इस गाथा में बतलाएं गंगा मा की कता सुनाएं सुन
के पाप सब मिट जाएं कैसे धरावे आई गंगा इस गाथा में बतलाएं
गुरु करन सिंग गंगा मा की महिमा बहुत बताते हैं
कहे कमल सिंग मा पापी भी गंगा में तर जाते हैं
कामना पूरण हो जो गंगा
दर्शन पाते हैं
गंगा आरती करने वाले भाग्यवान कहलाते हैं
गंगा दूर न होने देती शंकर भोला जटा धराएं
कैसे धरापे आई गंगा इस गाथा में बतलाएं
गंगा मा की कथा सुनाएं सुन के पाप सब मिट जाएं
कैसे धरापे आई गंगा इस गाथा में बतलाएं

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