जाजाजी
भोरे भोरे धनी बुथावा पज़ाईहा
जाके भोरा ही तुलाईन लगाईहा
गुनाय अपना पवन के जिताईहा
बात कहो तानी भोरना पराईहा
कोई लुके नाही कुछ मसाद रही राजाजी
कोई चीके निसनिये पना जाध रही राजाजी
गुनाय अपना पवन के जिताईहा
बात कहो तानी भोरा ही तुलाईन लगाईहा
के हु ना जित पाईहा
जोर के तनो लगाईहा
बात कहो तानी भोरना पवन के जिताईहा
कोई चीके निसनिये पाना जाओ रोही राजाजी
कोनो आसर नाही पादी हो भोटे कोई चीपे ही गिरे हो
ओरे गिरना बाचो कोरमे यहू कहवा बाटो कोरमे
किरते पवानो केला जाओ रोही राजाजी
कोई चीके निसनिये पाना जाओ रोही राजाजी
ता कोई चीके निसनिये पाना जाओ रोही राजाजी
ता कोई चीके निसनिये पाना जाओ रोही राजाजी
बोला इम्ना जी