प्रेमी सज्जिनों आज हमारे समाज में इस नसे रूपी भीमारी ने नजाने कितने ही घरों को बरबाद कर दिया है
एक औरत अपने नसे भाज पती के कर्तूतें और उससे होने वाले नुक्सान की बातें अपनी एक सहेली को बता रही है
आये सुनिए बला किस तरह बता रही है
अरे कहून जूटी किसमत फूटी हम कर दिये बरबाद सहेली नसे बाज
कहूँ न जूटी किसमत फूटी हम कर दिये बरबाद सहेली न सेबाज ने
सुलफा और दारू पीवे दूत नवसा में परो रहे
सास चले दीखे
जिंदो नहीं आधी बर मर रहे
सास चले दीखे
जिंदो नहीं आधी बर मर रहे
मेरे तीखे परो रहे ना
मेरे तीखे परो रहे ना
सुखी कोई औलाद
सहेली न सेबाज ने
कहूँ न जूटी किसमत फूटी
हम कर दिये बरबाद
सहेली न सेबाज ने
कहूँ न जूटी किसमत फूटी हम कर दिये बरबाद सहेली न सेबाजने
कर दिये बरबाद सहेली न सेबाजने
लाली आख पज रहे ऐसे जैसे ताब चड़े तेरी
लाली आख पज रहे ऐसे जैसे ताब चड़े तेरी
कही ओ जेठ बड़े तेरी न रही मेड मरियाद
सहेली न सेबाजने कहूँ न जूटी किसमत फूटी हम कर दिये बरबाद
सहेली न सेबाज ने
कहूँ न जूटी किसमत फूटी हम कर दिये बरबाद
सहेली न सेबाज ने
याति सो विद्वाचों की ले जारामिया गायो रे
बह मासाने जूरी वर यू माधूपती बनायो रे
बह मासाने जूरी वर यू माधूपती
तू पती बनायो रह जाएगो पछतायो ना छोड़ो कोई बुआद
सहेली न सेबाज ने कहूँ न जूटी किसमत पूटी हम कर दिये बरबाद
सहेली न सेबाज ने कहूँ न जूटी किसमत पूटी हम कर दिये बरबाद
सहेली न सेबाज ने
जूटी किसमत पूटी हम कर दिये बरबाद
सहेली न सेबाज ने कहूँ न जूटी किसमत पूटी हम कर दिये बरबाद
बिलकुल बेड़ा गरत मिले
उल्ट सूल्ट करता दिन भर बात बात में फर्क मिले
उल्ट सूल्ट करता दिन भर बात बात में फर्क मिले
ना चन्नन का अर्खी मिले खतम मिले जायदार
सहेली न सेबाज ने कहूँ न जूटी किसमत फूटी हम कर दिये बरबात
ना चन्नन का अर्थ मिले जायदार
चतर सहिंग जाओ कित के राह बत्सरे तू तो रे
चतर से इन जाओ कित के राह बत्सरे तू तो रे
चतर सी इन जाओ कित के राह बत्सरे तू तो रे
सादा व्रैती को कोई सादा पिया हो तो रे
आवे बाब निपूतो रे हाँ
आवे बाब निपूतो रे मेरे रोज वक़त बैयान
सहेली ना सेबाजने कहूं न जूटी
किसमत पूटी हमे कर दिये बरबाद
सहेली न सेबाज ने कहूँ न जूटी किसमत फूटी हन कर दी मरबाज