काहे बीच बजरिया, खीच चुनरिया, गली गली हुई बदना, सावरिया, मैं तो हुई बदना
बजरिया, खीच चुनरिया, गली गली हुई बदना, सावरिया, मैं तो हुई बदना
बजरिया, खीच चुनरिया, गली गली हुई बदना, सावरिया, मैं तो हुई बदना
माईयर बजाती, वो थी कैसी थड़ी, आख तुझ से लड़ी, वो थी कैसी थड़ी, आख तुझ से लड़ी, वही थड़े थड़ी हो गई शाम
सावरिया, मैं तो हुई बदना, सावरिया, मैं तो हुई बदना
या पितना ही शो तला फिर भी ना जो
देखे तो हाई मैं हारी आख मेरी जुकी दिल की धर्कन रुकी
मैं ता रह गई तर जवात काँ सावरिया मैं तो हुई अदिनाम
सावरिया मैं तो हुई अदिनाम
सावरिया मैं तो हुई अदिनाम
पजरिया खीच चुनरिया गली गली हुई बदनाँ समरिया मैं तो हुई बदनाँ