आरी देला रोजे दोरत सयादा हत में जगाई केआरी देला रोजे दोरत सयादा हत में जगाई केबाहत हर नई हाज़ा फोना माला गाई केज़भेल लहाज़ा दी पैसा नाथ दिला दावाई केबाहत हर नई हाज़ा फोना माला गाई केकहते हैं नाई आदा फूल्णा बलागाई केकहते हैं नाई आदा फूल्णा बलागाई केकोईला एको महिना ना भाईल गावा ना भाईलही माई दे नोई तू रिधि हला राजा जी पला ना भाईलकिन के लिए आईल बाड़ा सहिया चारा पाईकेकहते हम नाई हाड़ा फोना माला गाईकेमुना भंक उजा छूटू हमी से अभी वनाखे झादूरेनातो कम यक माज़।ने सूती जायो यह मां के बोलाई केकहते हम नाई हाट अप होना वाला गाई केतो चला मैं तेंदर जी कहने दूपतल पानी चढ़ाला दी