आई विया
गी दो समय के बाद
सीता जी के विया हो जाता
अब विदाई होता
विदाई यही सने वो पल हा
कि जगरा से आख में से आशु आभे लगला
आज नहीं चाहता
बिटी अपना
बावी से पुछा तरी
आ का कहा तरी कौना भावने कहा तरी ये विया
हुँ
अरे काचे यमावा
तोड़ा लाहो बाबा बग्या कोई लाहो सूनावा
अरे काचे यमावा
तोड़ा लाहो बाबा बग्या कोई लाहो सूनावा
अरे सुनर दिया केजला हो बाबा आग नवा कोई लाहो सूनावा
आग बेटी आपना बावसे कहा तरी क्या
अरे रोजे रोजे कोई लाहो बाबा धियावा बढ़ी जान जालावा
अरे कोई लाहो बाबा धियावा बढ़ी जान जालावा
ये बात तेना अपना भाई से पूछा तरी
अरे काट्रियम तोड़ लाहो भोईया बग्या कोई लाहो सूनावा
अरे सूनारे भीया
अरे सूनारे बहिया
तीसर लाहो भोईया आगानावा कोई लाहो सूनावा
अरे काट्रियम तोड़ लाहो बाबा बग्या कोई लाहो सूनावा
अरे काट्रियम तोड़ लाहो बाबा बग्या कोई लाहो सूनावा