पी ना बच्चगा!
अन्धेरा सा रत में,
अन्धेरा सा हत में,
अधिया रासा है मेरा जहाँ
वो पून सारे चोर थे फिर भी सीना सोर पे,
अग तो रभभावाले है जहाँ
तर्गल के बिस्तर पे हां,
सोना है नश्टर यहां,
आँखें कोले नीद है कहां
बोले तो ये स्टाइल है,
चेने तो आरे एक स्पाइल है,
बेसा ही यहाँ ये शुवर खुदाँ
देखे का है ख्वाँब,
डर जाएगा,
डर जाएगा,
जीना है तो भाग
मर जाएगा, मर जाएगा, याँ
है एकेला हर कोई,
हर किसे को डर कोई,
डर भी यारो जीज़ है कमाल
कुछ नहीं होतो होड़े का,
जियादा होतो खोड़े का,
जिसका देखो उसका है ये हाल
हेली,
खुणी,
हुली,
हरखानी,
मसे गोली है,
डेखी जी आईसेन की किचाज,
तूटी दो गुलक है,
तूटा किसका लक है,
सिक्का बने दिया है उचाज,
देखे का है ख्वाँब,
डर जाएगा,
डर जाएगा,
जीना है तो भाग मर जाएगा,
मर जाएगा,
अब भी पत ��
जाएगा,
डर जाएगा,
रभ तो कर ले याज,
मर जाएगा,
मर जाएगा,
याज
जो तर गया,
समझो मर गया