कैसे तेरी फुदुवर्जी ना दूप चुने ना च्छाओ
कैसे तेरी फुदुवर्जी किसी ठार टिके ना पाओ
बन किया अपना भयां पर तर लिया तुम साथ समंगर फिर भी सोगा मन के अंदर यो रहेगा
रे फकीरा मान जाओ
आजा कुछ को पकारे तेरे परचाईया
रे फकीरा मान जाओ
ऐसा तुहें निरमों ही कैसा भरचाईया
पूछे चार पाई भही धंगे पूर्माई रखा देखे
पूछे चार पाई भही धंगे पूर्माई रखा देखे
कैसे तेरे खुद अरजी
लब ना बत्र मिल ना मिसरी
कैसे तेरे खुद अरजी
तुझ पेरी पुरानी उसली
मस्त माला मस्त कल अंदर
पूछे चार पाई भही धंगे पूर्माई रखा देखे
पूछे चार पाई भही धंगे पूर्माई रखा देखे
पूछे तो पुकाले तेरे परचाईया
एक बीदा मान जा
एसा बीदा मान जा
एसा पूछे निर्मू ही कैसा हर जाईया