कभी कभी ये लगता ही नहीं
मुझे के तू नहीं मेरे साथ यहाँ
मेरे पास यहाँ
सही है क्या खलत मैं जानू नहीं
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं यहाँ
दूमदू तुझे कहाँ
राते कुछ रिये तारे किंते
लिये तेरी ही तो यादे फिरते
दर यही है कि तेल कहीं तूट जाए ना
कहीं ऐसे तू फूट जाए ना
मेरे साथ तेरे हाथों से छूट जाए ना
मेरा हाथ कहीं ऐसे तू फूट जाए ना
मेरे साथ तेरे हाथों से छूट जाए ना
मेरा हाथ
तुम ही सिथी कही वो बाती सभी चो दिल
में थी छुपी और किसको यहां करता मैं बया
रुकी रुकी सिथी मेरी जिन्दगी कली जो थी तेरी
किसको था पता तू बन गया सपना
जाते तुझे कोई सारे रस्ते बस तेरे लिए ही तो हसते
डर यही है कि दिल कही टूट जाए ना
कही अइसे तू रूट जाए ना
मेरे साथ तेरे हाथों से छूट जाए ना
मेरा हाथ कही आइसे तू रूट जाएना
तेरे साथ तेरे हाथों से छूट जायना
मेरा हाथ
कही छूपी समाना
सब छूट चले आना
तर असे नरुलाना कभी
तुही मेरा हुठे काना कभी छोड़के न जाना
मेरा दिल न दुखाना कभी
कही ऐसे तु छूट जायना
मेरा हाथ,
कही ऐसे तु घूट जायना