कभी मेज़ेत मैं आनाजूसमाने को बतानाजूकभी मेज़ेत मैं आनाजूकभी मेज़ेत मैं आनाजूसमाने का बताना यूँकभी सड़कों पे मैं गिरता चलूँ भरी बस्ती पे मैं असता चलूँगिरे बर्दे उठाना यूँगिरे बर्दे उठाना यूँसमाने का बताना यूँमरी अखों में जो काप्प से छुपे हुएबर्दे उठाना यूँमैं लई साहिर हूँ उन्हें सडर हुए हूँ उन्हें सजतो मिलाना यूँउन्हें सजतो मिलाना यूँ समाने को बताना यूँकभी बेजरत मैं याना यूँसमाने को बताना यूँ