अरे गौन्द्यावू, कौबाड खोल।
इतने रातिरे तमे की है मौ?
मुँ,
तमा गूगूलू।
अरे के, के, के?
कौबाड खोल। प्रिये, मू तो मारोशी।
अरे दिन्ना सरा, सुन्ना पिला, रातिरे लेबु माल पे।
रातिरे पलेजी तोडे, गळीरे कुट्रो तोडे।
तंड़कू जुल्टी तोडे, नाडो रे गोडी तोडे।
अव घ़रो चुपेरिल, निती तम्मो जारु ज़धाडू ख्याए।
कंज्यो,
कोबाटो खोलो फिले, मू तो मारोशी।
तिक्के खोलो,
मू बुड़ो बुलेलाई,
तिक्के सोईवी।
कीचिजे देशी मल जणी दिता मोजा,
रग्गो बुटो सांगे चार सुकु आरो भोजा।
येऊ मजा बच्चिसे इनाली बटलारे,
पाय पी जानी हुए अंधर राटी रे।
जेउ दुदे दिन नवाले देक्की भुति हुए,
अंधर राटी लेता चंगरे दुस्ति है जाए।
बाटे रे कथी आओ हुए, केपे बामाड़ा थाई।
दोधा पी छूच थाई, सबुडी गफु थाई।
आओ रिक्षाबाला भड़ा पाईं,
गुणियाति बहुत जानी किये।
गंध्याओ।
कबाटा खोलप पी, मुता मरसी।
गेलू, तमा धान्मा गंध्याओ। लेते राखू।
मद्दू आईता, मद्दा के बेपारे नाई छारे।
मद्दा बाईं बिक्का हुए, साई कलाध्वरे।
भर्राबाला भड़ा ताई, धमखाई डाटी।
दुकानी का मुलाखला, दबनाई बाती।
आई बाला मग्गुचन्ति, साई मेरो चान्दा।
इलांगर पड़ा बांग करो जरे बंधा।
बेहरा तागधा करे, दबानील चिल्म चारे।
केदे बालु चिपी धरे, पियादा मान गड़रे।
खली भाटी बाला ताटी बाटे, गिल्ला शटा गळे इती।
गंधियों,
कम पतो खोलो प्रिये, मुतमारो सीए।
ए गंधियों,
खोलो,
उड़ा आख़डा करूछो न कोलो,
पागला आयी जीविनले।