सुल पगला हाँ मन करना दुखी
सुल पगला हाँ मन करना दुखी
आब डोलियांसासुरा में रुखी
तनੀ ना मोहाईल, छुं नावरो वाहिल, चा छान ताते परां
इजा तारू भाग आके, रंग को के थी कही का, कही लू ए जान
कहाँ आसे सिखा लू दिलावा, तुरे के तरी का, कही लू ए जान
हाँ मन करना दुखी
हाँ मन करना दुखी
हाँ मन करना दुखी
हाँ मन करना दुखी
हाँ मन करना दुखी
हाँ मन करना दुखी
हाँ मन करना दुखी
हाँ मन करना दुखी
ब्यार तो हमार भी छाल जाता, फिर भी दिल खामोस बाद
हलगा होके जिये के पाड़ी, हताने जान उपसोस बाद
इसा रास का राण औसान, हम भुरो बाद चान चान
गनती को मन पिरियान, सुपमन के भुलिया भाईल बिराया
अजा तारू भागुआ के रंको के फिका इका
कैलू ये जान, कहा मासे सिखानू दिलावा
तू रहने के तरीका, इका कैलू ये जान