भाता रुके चीजे सुखा लुने का नयाई लिसे
भाता रुके चीजे सुखा लुने का नयाई लिसे
खेकता रभाव सखी जोबन रसाई लिसे
खेकता रभाव सखी जोबन रसाई लिसे
खेकता रभाव सखी जोबन रसाई लिसे
खेकता रभाव सखी जोबन रसाई लिसे
खेकता रभाव सखी जोबन रसाई लिसे
साधी तो होई हवू नाही भाई
आई भी हाँ जब सशुरवाने
अंकज आकेला सया महोभु सर
भरत रहूए अन्हेरावाने
साधी तो होई हवू नाही भाई
आई भी हाँ जब सशुरवाने
अंकज आकेला सया महोभु सर
भरत रहूए अन्हेरावाने
तुना लेना राइटर राजिप राजा मोरे कहल से
खेकता वे भाप सथी जोबना रसाईल से
भाता रूप के चीजी सुखा लूने का नयाईल से
खेकता वे भाप सथी जोबना रसाईल से
खेकता वे भाप सथी जोबना रसाईल से