धड़कान बन के दिलावा में
धड़का हर छान हो
साथ जनम तक समय
बगिया में फूले खीले जैसे
नदिया में पानी बहेला
बन के पपी हरा बोलत रहा जीया रहा ही है कौहेला
बगिया में फूले
खीले जैसे नदिया में पानी बहेला
बन के पपी हरा
बोलत रहा जीया रहा ही है कौहेला
मन के मोर समुंदर के लहरी आबाड़ हो
जीये के कुछ जर्या बाड़ हो तु दिल के भी तरीया बाड़ हो
तु दिल के भी तरीया बाड़ हो
स्वाज चनक जोडि जैसे कान हा राधा राणी के
धुनिया गुन गए हर दम
आपन प्रिम कहानी के
स्वाज चनक जोडि जैसे कान हा
राधा राणी के
रौन जित के दिल के तु समुर्या बाड़ हो
जीये के कुछ जर्या बाड़ हो
जीये के कुछ जर्या बाड़ हो तु दिल के भी तरीया बाड़ हो