दरवाजा खूलते हैं बरिशते कुबूल का
एक सिसिला है रह्मते हक्के नूधूल का
दोनों जहान गोशबर आवाज हो गए
मैं नाम ले रहा हूँ
खुदा के रसूल का
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
हो गया वो रभ का ब्यारा
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
जब फसे तूफा में नईया दिल से कहना या नभी
देगा तूफा भी किनारा या नभी कहने के बाद
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
मुझको राहे दीन पर चलना सिखाने के लिए
माने गोधी से उतारा या नभी कहने के बाद
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
कारोबारे जीस्त में ऐसा तो हो सकता नहीं
हो कभी हम को खसारा या नभी कहने के बाद
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
आतिशे दोजब कभी उसको चला सकती नहीं
जिसने अपनी जान को बारा या नभी कहने के बाद
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
जो घुलाम मुस्तफा बनकर लड़ा कुफार से
क्या किसी मैदा में हारा या नभी कहने के बाद
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
महफिले मिलाद की निसबत से देखो हर तरफ
कैसा बदला है नजारा या नभी कहने के बाद
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
राशिदे आजम ने आका की सना में डूब कर
अपना मुस्तक बे सारा या नभी कहने के बाद
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
हो गया वो रभ का ब्यारा या नभी कहने के बाद
जिसने रभ को है पुकारा या नभी कहने के बाद
करने के बाद