जिनके नाम को बज़ते राम वो अपना क्षिव सङकर।
चर्णों में जिनके सारे ढाम वो अपना क्षिव संकर।
चर्णों में जिनके सारे ढाम वो अपना क्षिव संकर।
शिवसंकर की महिमा परमपार है भक्तों का अपने करते ये उध्धार है
भिगड्री पढ़ा है जो सब के काम वो अपना क्षिव संकर।
जिनके नाम को बजते राम वो अपना क्षिव संकर।
जिनकी सुभ हो साम दोनों क्षिव के नाम से होती है
उनसे एक फल भी कभी खुशिया जदा नहीं होती है।
वक्त अभी भी है सुललो शुउ के नाम को तुम जपलो।
देवों में जो सब से महाण वो अपना क्षिव संकर।
जिसने रचा सारा ब्राम माण cic. by fm.beats.com
संकर्त में जो आये काम वो अपना क्षिव संकर।
जिनके नाम को बजते राम वो अपना क्षिव संकर।
बरी मादर गुळ जाएँ वादिल के संपुर्ण मर्ह बरियों
तेरे जैसा दयालू नहीं नां तुझसा कोई दानी है
मण छा हाँ फल देने की आदल तेरी पुराणी है
तेरे जैसा दयालू नहीं नां तुझसा कोई दानी है
जीवन में अमरित भर लो मन में सिव को तुम रख लो
बसे हैं जिसमें बेद पुराण वो अपना सिव शंकर
जिसमें दिखे सारे भगवान वो अपना सिव संकर
शंकट में जो आए काम वो अपना सिव शंकर
जिनके नाम को बज तेरा वो अपना सिव शंकर
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật