कैसे जी तू ही बोला
जान के बिना
कैसे जी तू ही बोला
जान के बिना
कि हम जी न पाई तुहरा बिना
कि हम मर जाई
तुहरा बिना
चांद के न रोशनी
नीक लगी हो
उदास अब पिरतिया
के गीत लागी
लागी हो
बहिया में तुही पकड़ी के
समझावा
सुना लागी
मंदिर अब भगवान के बिना
सुना लागी
मंदिर अब भगवान के बिना
कि हम जी न पाई
तुहरा बिना
कि हम मर जाई
तुहरा बिना
तुहरा बिना
चल जाईबू तु दुनिया
हमरु की जाड़ी के
सम्झे न जमाना
के उहो के प्यार के
जी के अब होगी का
गिन सो जान की
प्यार के बिना दिल ही तड़पी रोई अब ता प्यार के बिना
कि हम जी न पाई तोहरा बिना कि हम मर जाए तोहरा बिना