जिनना चीरे हैं जुवानी मोजा
जिनना चीरे हैं जुवानी मोजा
इस जिनतिगी दे आरिथानू
इनना चाड़ती जुवानी वाले दिनानू
हुमेशा साब रखना भी नही
तेरे सोने जेहें मुखडेनू मिठिये
तेने फिर तकणा भी नही
तेरे सोने जेहें मुखडेनू मिठिये
तेने फिर तकणा भी नही
जिनना चीरे हैं जुवानी मोजा
तरे बबन दिन सुगंत
फिर ल महबतां दिक्छ��ं के दा
बेखी जानती नि जुवानी तेरी दूलती
में नी भाखे कोलो लंगदा
बेही जानती नि जुवानी तेरी
दूलती में नी भाखे कोलो लंगदा
ए दा भीद दी रही दे मेरे नाल का
ए दा भीद दी रही दे मेरे नाल का
मैं बहुति दिरे बचना भी नही
तेरे सोनदे मुँकडे लूं मिथी हे
तेरे सोनदे मुँकडे लूं मिथी हे
जिनना चिर है जवनी मो जमान ला
उदि दियान दे ते आर वंगु लंग दी नी कानू ए डीका कर दी
राता गालियां च नदियान चील दी जो सिखरत पैरी डर दी
जद भार दे तभाना वंगु लंग गी
जद भार दे तभाना वंगु लंग गी हसायां तो तू हसना भी नही
तेरे सोन जेह बुखडे नू विथिये तेरे तकड़ा भी नही
जिनना चिर है जवनी मो जमान ला
तो तो जाने गी आचिर रही उत्रोण का जिनतिगी चे आज उडेर नी
तेरे बतले पतंग जेह लक्ष तो ना वज़ना हुलारा फेरनी
तुत नाग नी भुकार जड़ी मार दी किसे नू एने डसना भी नही
तेरे सोने जेह मुखडे नू मिठी है तेरे तकड़ा भी नही
जिनना चिर है जवनी मो जमान ला
तेरे एक्हवित कुछी अश्रात ता अंगेर्या बंगो जेड़ी दागदी
जद दब में बुलाना आखे माने आ तु मैंनू बड़ी सोनी लगदी
गिल कला वेल चलू मेरी जोद नू मैं डिपा वाली डसना भी नही
तेरे सोन दे मुखडे नू मिठी ये तेरे तकड़ा भी नही
जिनना चिर है जवनी मो जमान ला