साथ बरन चायबुरे पतरकी
अमे मरकाँछे बाऊ मरीया
बनधाला गल्पन पले कोमरीया
के ताना न चायब ठाकी गईल मर बिजार
अरे रात भर न चायबुरे पतरकी
की होई भभुआ के रङवाज
की होई भभुआ के रङवाज
की होई भभुआ के रङवाज
ता जानले बका
देखिले खाली हम के कहे न जरी गड़ाई
जाड़ा के दिन में देहव तोहर गरमी छोड़ाई
शुप रही एजी
देखिले खाली हम के कहे न जरी गड़ाई
न बाज भभुआ के रङवाज रात बरना चाई बुरे पतरकी
आथाड़ा बाबो तुन हुआ बात भव
अमित परसाद के खुस कोड़ा तुन नाच भव
शुप रहा
काहला बढ़ावा अथाड़ा बाबो तुन भव
लाव पुझारी के खुस कोड़ा
बुची तुन नाच भव
पड़ा जानी पेरा लेहो जाई बाबा रभाज
अरे रात बरना चाई बुरे पतरकी
की होई भभुआ के रङवाज
मन्ज़ा