यह
वस्ती का समा है आजा जूम ले
व्यार का यह नशा है आजा इसे चूम ले
वक्त है यही जीले इसे
कल हम मिले या ना मिले
वस्ती का यह
समा है
आजा जूम ले
मदोश सा नशा है
आजा इसे ढून ले
आजा जूम ले
तेरे सिवा तेरा कोई नहीं कर ले तू खुद पे यकीं
जीना मरना है सब कोई आही क्यूं करें हम बेल लगें
तो नहीं ये क्या बता
जिन्दगी का तू ले मजा
मस्ती का ये समा है आजा जूम ले प्यार का ये नशा है आजा इसे चूम ले
आज जो भी है वो कल नहीं बस खुशियों के पल है यहीं
मस्ती का ये समा है
आजा जूम ले
आज जूम ले