तुझे जीतना है
ये
जीतना है
जीतना है जीतना है
ना रुपती ये गलम
सहारा है इन शब्दों का
ना जुपती ये नसर
मैं मालिक हूँ मेरे कर्मों का
इंसानियत कहा
पैसा है जर्या जीने का
मेनत में छुपा
फल वो रिष्टा
पुन पसीने का तक्रीफे मेरे पीछे और हिप-पॉप बना फरिष्टा
लिखता था कहानिया और खुद वो उसमें ढूनता
खोसू अपने आपको पढ़धी ती ये आत्मा चमक
दमक तो धूर की तू करता सच का खात्मा
जो भजबूत है ये ढूर जिसमें चल रही मेरी यात्रा
प्यासा हूँ बर्सों का मैं तो ग्यान की उस प्यास का समय का करता
पीछा पीछे कीचे मेरा अपना तू आज भी बेसहारा सबग देता
तुझको कर्मा हर एक कारिय का अंठीक पर मन में रहती शंका लड़ खड़ा ता चलता
आज क्या होगा मेरे कल का ऐसी मेरी जिन्दगी थी
और मैं शायर सरफीरासा पहला पढ़ा उस जिन्दगी का
मैं पार कर चुका था जिम्मेधारियों का बोच मेरे सरफे बस गया था
होसला दे रहा था वो जिसने सीखाया कैसे चलना
और आया एक दिन ऐसा हार के भूल गया मैं लड़ना
जब खुली मेरी आखे तो था ये सिर्फ एक सपना
तर मुझे हार का सिन्दगी की मार का काम्याब नहीं था
क्यूँके कुछ पे न विश्वास था
अपने पीछे की चेतों पर आया फिर किस काम का
इस दुन्या के दोर में धूनू मतलब अपने नाम का
जीतना चाहूँ जंग पर मैं दुश्मन अपने आपका
दिखना पाया सच पर समय का इंतिजार था
ग्या मतलब का वो काम ता जिसमें मेरी ना खुशी है
सला देते दुन्यादारी की जो लक्टी कुछ फुशी है
फुकट का ज्यान देने वाले कम नहीं है भलती रहा में नहीं
मेरी ट्रिपी अजीब है, फियरलेस मेरे बास
और फ्लोबी सतीख है, अलफास तेसार
हर बार अब सही है, यही है मेरा रास्ता
ऐसे जिंदगी जीता मैला