चड़ा उंचाई पे सफर
दिल में चलन का असर
शब्दों की शमशीर से कटे हर दर
कोई ना रुकावट
मेरा जुनून बेमिसाल
आँखों में है आग, दिल में है सवाल
विजय की पुकार
गुँजे हर गली
सपनों का शाहकार
बन गया असली रगों में दोरता
जीत का लहूँ
हाथ उकाओं उपर ये टाइम है बहूँ
युद्ध का मैदान है दिल मेरा कमांदर
हर कदम पे बोले भाई तू है स्टेंडर
रुकावट टैन है गैरी पर हिरादे है कडे
जीत का इतिहास मेरे नाम पे खड़े
चिद्दकी की जोड में पहरूं पे चाले
हवा से बात करें मेरे पंखों के जाले
शब्द हैं हतियार मेरा बीठ है गड़ धर्ती भी हल लुठे जब मैं उठाओं तलवार
विजय की
पुकार गुजे हर गली सपनों का शहकार बन गया असली
जीत की मशाल को मैं करूं रोशन
खुद पे है भरोसा यही मेरा कौशन
शाम से सवेरा मेरे सपनों की बंदन
विजय की पगडी सिर पर बंदन
विजय की
पुकार गुजे हर गली
सपनों का
शहकार बन गया असली
रगों में दोड़ता
जीत का लहू
हाथ उठारो
ऊपर ये टाइम है बहू