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Jayadrath Vadh, Pt. 1

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Lời bài hát: Jayadrath Vadh, Pt. 1

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

अभिमनुने तज दिये समर भूमे में प्राणु
तब यरजुन को यत भयो दिल में दूख महा
किस तरह से जेदरत का बद हुआ है ये शुन्दर काथा आप सभी भक्तों के मद में ला रहे हैं
आज आईए मेरे नौजबान साथियों जब अभिमनु मारे गए और जब आर्जुन नहीं देखा को मेरे पुत्र को जेदरत
ने शमर भूमि मार दिया अब हुआ क्या भक्तों हाँ हाँ दोस्तों पांड़वों में हरचल मच रही थी
अर्जुन जब तम्बू में पहुंचे हैं जब अभिमनु नहीं मिले तो धर्म राज से अर्जुन नहीं कहा
आज
अर्जुन जब तम्बू में पहुंचे हैं जब अभिमनु नहीं मिले तो धर्म राज से अर्जुन नहीं कहा
आर्जुन के मरण शोक पार थकों धरती गिरे मूर चाखाई
पेरी बाओ नहों सुचतित ये बोलत धरनी रवैन मीड बच्छताई
आर्जुन जब तम्बू में पहुंचे हैं जब अभिमनु नहीं मिले तो धर्म राज से अर्जुन जब तम्बू में बोलत धरती गिरे मूर चाखाई
पेरी बाओ नहों सुचतित ये बोलत धर्म रवैन मीड बच्छताई
आर्जुन जब तम्बू में पहुंचे हैं जब अभिमनु नहों सुचतित ये बोलत धर्म रवैन मीड बच्छताई
ओ राज्य करन कुं भारत रोको तब तुम दोनों परी दिखाई
आर्जव सुत जूजी गए ओखे देर में तब तुमा आखे रहे दिखाई
आर्जुन जब तम्बू में पहुंचे हैं जब अभिमनु नहों सुचतित ये बोलत धर्म रवैन मीड बच्छताई
सुतके संगे तो मोई देते तो सुलगाई
आरे आपई शमर बोर नित कर चे दीखे या बरूंबी रगिराई
और ये से ही सबको सबे प्यारे हैं बिरता आँसु रहे बहाई
आरे मोई जेदरत ने अटकायो दुश्मन सबे लाए रुदवाई
आरे नाई पैजे कई काउल की तुम शे कहते ही सत्ती सुनाई
तब्रकीनों बीर यारजुन ले अब सुनिलेव कान लगाई
एप हो रहो तजे तरथ कुमारे तब जेदरत
नाई जल पी लोटके आई
या हम जले जाए यगडी में आ जेदरत कौन दे गिराई
आरे जो बधनाई करें जेदरत को तो हम तन कौन दे जलाई
अर्जुन नहीं कहा कल सूर्यस्त होनी से पहले ही हम जेदरत को मार देंगे
आहाहा दोष तो हुआ क्या
अर्जुन नहीं कहा कल सूर्यस्त होनी से पहले ही हम जेदरत को मार देंगे
अर्जुन नहीं कहा कल सूर्यस्त होनी से पहले ही हम जेदरत को मार देंगे
आहाहा दोष तो हुआ क्या
उधर भगबान कनईया कुंति मैया शबुद्रा के पास गए हैं उनके तो हाल बेहाल थे
आरे आरे कुंट्या कि शबुद्रा रोई बोली बच्चन कंधच बचाई
बाईया बागिने बीरट में तोड़ी
वू तो भागि रही है चिलाई
आरे आरे पर शुप रात शुकुमारी
रो बेबी लखी लखी देलाई
आरे आरे पर शुप रात शुकुमारी
उन ती द्रोपत नारी दोनों तरथी गिरी मूर चाखाई
आरत व्यारि मो अनवारण की राखिनों प्रहमा क्या नदरसाई
इस कारण से तुम रोती हैं धीरज धरो शुनोया बजाई
शबुद्रा को रोते हुए देखा तो भगबान का नहीं है बोलें दीदी रोम
आरे जानी जन मुलयो दुनिया में मर्खे शुर्गरे धाम में जाई
जो तुम रोहो देह के काजी तो आमदे बेला समगाई
आरे जीवन किशी को नाए जा जग में करम के अंशाय अरे योतारे
आपत अमर नदे है दुनिया में माती माती ये मेरे मिल जाई
आरे कोसुत कुन कुन को बिता है माता कुन की को है साथ
शब तक देह तबी तक नाटे फिर तो जीवन ब्रह्म मिले
बाया दीनों लोख के नाथ ज्ञान बिहना को शिकाई रहे
बेया दीन बढ़ो बखबान ज्ञान बिहना को शिकाई रहे
बिहना कुछ काई रहे हैं ज्यान बिहना कुछ काई रहे हैं
रबिन जदीन बन वगवान ज्यान बिहना कुछ काई रहे हैं
ज्यान रखना मेरे भाईयों इधर भगवान कन्हिया
अपनी व्यंश शबुद्रा और कुंति को नानाप्रकार से समझाते हैं उधर हुआ क्या
इधर जेदरथ ने सुना
कि अर्जुन ने
क्रेड करें
लिया है कल सूरस्त होने से पहले हमें मार देगा दोस्तों हुआ क्या आरे अवना से न परे सिंदुल कों दिरियो धन से कहीं सुनाएं
और हम तो जाई रहे निजदे से कुछ भी कहीं खो हमें जाई
पारथ बचन परे न जूटा बेशक लिये जाने हमारे
अरे तब समझायो दिरियो धन नहीं ही नी क्यों तुमके तय ना
सबकों का लहिरा बन तुमकों आज तो हम सब हैं तयार
आरे पहले मारो मिली अरजुन को पीछे से न करें सकार
और रड में भाती
अमर ना जाईए अरे रड से भागी अमर को जाईए क्यों मोई छोड़ी रहे मजदार कही जे दरत तब राजा से हामी भरी जे उत्रोण हमारे
आरे
रजशा करन कहो जो मेरी तो हम दती समर मजारे
आरे नाई जो जाई रहे घर अपनी तुमसे साची कही उचारे
बोले ग्रोण सोच क्यों करते राखे काल सीस बे भारे
जब द्रोणांचारे

ने कहा जे दरत चिंता मत करो हम तुमारी रजशा कल समर में करेंगे
आरे कोड़न पारत जो चलिया भी तो भी मारी करें खेतारे
और वाजु के दिन कुपंडा मार और रजशा करें प्राण याधारे
आरे कोड़न पारत जो चलिया भी तो भी मारी करें खेतारे
कमज बेहू को रचके द्यार किया अब हुआ क्या
आरे कमल बेहू में रचो मजुशा तामें जे दरत जबो मज्जारे
आरे कोड़न पारत जो चलिया भी तो भी मारी करें खेतारे
खुरिये पेरे सेना है थे बहान वारे द्वारे सर्दार
आरे पहले द्वारे पेत्रोल भैठारे करमें बाल तोलाएं ललकारे
कोटे पेरे सेना है थे बहान वारे द्वारे सर्दार
आरे पेरे सेना है थे बहान वारे द्वारे सर्दार
तब तकी भोरे शोरे बाजिनिती पीटे धोले संख गर्यारे
आरे तमे घोजे चली हैं बारे द्वारे सर्दार
तब तकी भोरे शोरे बाजिनिती पीटे धोले संख गर्यारे संख गर्यारे संख गर्यारे
आरे सेना भी कट भी रुप बंदन की पहुंचे भी हूँ निकट नियराई
तब हरी धर्म राजिशें बोले सेना शबले बारुट बाड़ाई
बाया चक्रा भी उखे द्वारे पे हाई भोजी आई गई है
यारो चक्रा भी उखे द्वारे पे बे यार जुनों आई गए है
जब चक्रा भी उखे द्वारे पे बे यार जुनों आई गए है
जब चक्रा भी उखे द्वारे पे बे यार जुनों आई गए है
जब चक्रा भी उखे द्वारे पे बे यार जुनों आई गए है
जब चक्रा भी उखे द्वारे पे बे यार जुनों आई गए है
बीव के दरबाजे पर अर्जुन जेदरथ को मारने के लिए और खोज करने के लिए जब घुशे हैं प्रथम दरबाजे पर
द्रोनाचार खड़े हैं भगबान कनहीया ने कहा कि चक्रा भीव का भेज बिना अर्जुन के कोई नहीं जानता सभी
आप पंजक फोजें बाहर हैं पीछे से प्रविष्ट भी हुमि करें आर्जुन और हम अंदर घट धशिंगे आहा हुआ क्या
आरे जाए द्वारे से गुलन नदियें चाहें कोटन करो युपाई और द्रोनाचारी कही अर्जुन से सुन ले बीदक कान लगाई
आर पैजपूरती किस दियों बे बोले बचन द्रौल भक्याई
और वान शेबान यजुन शोले तोड़े महापान रिशियाए
आबत सर जब देखे बुर्णे
खनन की ने बाड़ गिराए
और ग्रबी बाड़ यार जुन नी मारे
समुही लगे त्रोड़ के जाए
और बाड़ समारे हेर भुजवल में
टपने रुधन की रे चुचिया है
और बी से बान पार थकी मारे
चाली शहने ते केशन योद राए
और तेज समारो तो द्रोणा चलने
मारे बाड़ महा बख्या है
और तस दस वालाने ते धोड़ा नके बजरंगी के सेस समाए
और होश बिगली गए रे भार धके तब करुणानी दिखाई समाए
और मारग छोड़े कुमारग धाओ ये अपनों बाजे देव लोटाए
मौर पारथ कही तीती थिनादी ये छत्री धर्म जाए नसाए
मौर तब शम जायो करुणानी दिने पुरुषे सरन जहत नायाए
एक गुर्गे शंगव सर बर करियो पारथ तोई
लाज रहियाँ और फादिक कुमारग अंदर आए मौरा परो करड़ से आए
और रब सुतबाना ये लोकी कले की और पारथ अपने तव तो चलाए
और फिर सर छोड़े हैं रे अरजुनने समुए लगे करड़ की जाए
और आए मूर अच्छा कई जब सुतकों गिर गव भूमित मारो खाए
और फिर ये रत्या के तुहां को पूचो या के पूले शर्दारे
बैखाओ नहार बलवाना यूद खेतन में होई जाओ या रोहो नहार
बैखाओ नहार बलवाना यूद खेतन में होई जाओ या रोहो
खेतन में होई जाओ या रोहो नहार
खेतन में भूइ जाओ या रोहो
सुनी लोगो नहार बलवाना यूद खेतन में भूइ जाओ या रोहो
एये
मेरे नार
आजमान शाथियों याद रहें इधर अर्जुन श्यक्र भीव के अंदर जेजरत को ढूंढ रहे हैं युद्ध घमासान चला है इधर हुआ क्या
आरे सगुनी शल भीर दूशासन किरपाच्यारी रहें ते बख्याई
और बाउली के यर वस्वस्था माफी करण शोम बंतर शियाई
आरे मारी माने शहल यर में गुदा कोई-कोई बाला रहें चला हाई
ए कोई-कोई सहल कोई-कोई स्रोही कोई-कोई समुही खान चला हाई
अरे नंद Luckily पद भी रदन हों जाड़ी उसारा बढी करण रहें चला हाई
औरे त्विच लारेथ जानो धाड़ी कुरत अरे अरीजजेन भोरोगों को दिखाहाई
में बंतर रहें शोम बख्यासन किरपाच्यारी रहें चला हाई
और दीप्रबाण पारथ ने मारे सब दल रेन बेन हुई जाए
अब मार बयंकर है रे पारथ की ना कोई बीर सामने आए
अरे नाग छुपे दोच यलो तो यर जुन को बोले धरम महा दुख पाई
और रुन्डे मुन्डे यर भूये जंडन शेजालो पाटी सगल मैदानी
हर इतमें धरम राज दुख पाई हो दे नन ब लिए नीर की दार
और जो ना पेजाओ ही बीरन की तो थन देवे आगिनी जलाए
और ब्रात जरी किमरे खेतन में अपयश होबे जगत मजा
आरापिन के ना जरी के नन जगत मजारे
और जाओ शातु की पता लगा वो तब दल सीतल होई हमारे
और देखो द्रोण सातु की आयो मोले बजन कही ललकारी
और सर द्वारे से गौमनती है च्या है शोधन करो युपाहाई
और इस द्वारे शैगूली ना पई हो चाहिए
शोचो जुगती पारी
हर यर नुनिये बुलेन पे बेधाये यंत भी बेगेत भारी
समझी बिचारी सातु की गुमो देखन लीख गुलो सरदारी
और तेरी तेरी तुष्कर को मारे छोड़े लगे बाल भी हुँझारी
और बान से बान सातु की छोड़े मारे गिन गिन बील हजारी
हर मन भी जारी





पड़क सर पारत छोड़े जर से दिनी भुजा उखार
और भुजा समेती खन्वि धरती पे सातु की हनी सीस तलबार
और सीस काटिलो बलधारी खोजियो हर भूश हर भावलदार
और फेर सातु की यागे धाओ पूजो जाँशिरी करतार
और बाहा भारत के मेदानन मेच शूटे बान गोर बच्छार
और बारत का इसीसी अपनी से पीछे देखो भीरे पार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे खेताने रउमार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे शौम बंत बढ़िया हो की गोर भयंकर रारी
और सक्ती बान हनाओ यारजुन ने लपने उड़ी भूने
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे खेताने रउमार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे खेताने रउमार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे पीछे सातु की मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे हज्वार
और यागे भीरे के अरजुन मारे हज्वार
शलान पास तब पहुंचो, रथ उच्छकाई के पवन कुमारी
द्रोड समेती उठायो रथ को, एक और डेड़ मील पे जाई
दोस्तो भींगशेन ने लोडाशार के रथ्ठत उठा करके डेड़ मील पर भेंग दिया
हुआ क्या?
आरे रथ के पास भायता चूरा जा
लयी देड़शीन

घुर के होश गए कम पारे
बीती मूर छा गई दो करकों
दोनों हाथ मीज पच्छताई
रत में रत गज में गज मारे
और यसवारन में असवार
रूरो भी मगदाले
दल में
लड़ में देश है शौदल मार
आर बिचल दयनी करण जब देखी
शब्मु खकरी है भीम से लार
नान कशर्डी तास कथि गाबे
होबे महा भयं करमार
गदा घुमाबे भीमरन करण चलाबे
बाना
दूनु योधा क्रोध करी करे युद्ध घमसाने
करे युद्ध घमसाने भीम जो अरगरी डारे
सेति सारती बाजे
करण के माँगी डारे
बरनत नान कशर्डी करण पे भारी भिपता
चुहर रहो मचाय धीमती हूँ मैं ये गदा
आरे घूमें कदा के आज भी माकी
मारत जाई दे हजा रोजवान
पौंचो बीर शमर आगे कौन
है जाँचर जुनय और भगबान
आरे जे खोस्या में कभी मको बीचे
तव यर जुन से कही बखान
निधर कचोट करो दंगल में
आई गए भीमशेन बलबान
आगे आगे के यर जुन मारे
पीछे भीमा करे बीरान
कती कती रुंड गिरें धरनिय पे
भागत गिरें रुंड मैदान
आगे आगे के यर जुन मारे
आगे आगे के यर जुन मारे
आगे आगे के यर जुन मारे
रंगी गए पाद या शेती भगवान
तारे जोगी रूप भयो या रचन को
भी माया जो बनो है मसान
रख दे भाई या रचन को
भाई शमर शागर में
भारी भोर शोर मैदान
भाई या उन हार बलबान
श्याम मन ही मन सोचते
रबिन रो उन हार बलबान
श्याम ये तदलान
दिल में सोचता है
दिल में सोचत है
श्याम मन दिल में सोचता है
भाई या उन हार बलबान
श्याम मन दिल में सोचता है
मेरे नौजबान साथियों याद रहे
इदर तो शमर चलना है
और उधर
भीम, शेन, और जोन युद्ध
वो शमर भूमी में कर रहे थे
इदर भगबान कनहिया ने दिल में विचार किया
आरे थोड़ो दिबसरो यब बाती
शोचन लगे शिरी भगबान
आरे जो ना मिले जे दरत डूढे
पारत तजे अपने प्रानी
आरे तव शिरी श्यामें सुदर्शन भेजो
जहां पे जाई गगन में बानी
और हुई गई निसास वैं कोई आहे
तारे चमटी रहे असुमानी
जब भगबान कनहिया ने दिल में विचार किया
ने शेक्र सुदर्शन को आस्त आदेश दे कर दे
सूरत को ढाप दिया जब सूरत हो गया
अभुवा क्या दिखाई नहीं बड़े भगबान
दानु शुड़ा विदाओ ए पारत ने
और धिंगर छोचिता समशानी
दानु शुड़ा विदाओ ए पारत ने
और भीम सातु की कौन दुखवारी
बोले बचन शिरी भगबानी
आते आते ओहते क्यूं ए थे होके गट गई
मर जादा यपमानी
और शोप वे ब्राजी
तो चलो दिर्योधन दीने का जो छिलंदन तानी
दोस्तों संद्या समय पर सूर नहीं निखे
आर्जुन चिता में जलने के लिए त्यार हुए
इधर दिर्योधन ने कहा
शोप वे ब्राजी
तो चलो यपमानी
तो चलो दिर्योधन दीने का जो छिलंदन तानी
और लकडी लाई चिता रचवाई
आर्जुन बेधे गए दुखमानी
और धन सुगाओ करड़ानी
धने रोधा का सो निशाना तानी
और एक दुखमानी
आनन्द याज पुर्दल में फेरे खड़े बीर शब ज्वानी
आगी लगानी खिय देरी ये तवसा गुनी ने कही बखानी
और कड़ो ये दरत चली
के देखो तो समन छोड़ी रहो है प्रामी
दोस्तों सगुनी ने कहा
जैदरत को संदूका से निकाला
और कहा देखो अर्जुन
अपनी प्रेंड शोयम अगनी में जला रहा है
आहा दोस्तों जैदरत चला है
आरे निकली मदूसा से बाहरे आये
हास की चलो है जैदरत ज्वानी
अरे है दिल मगने जैदरत भारी
समुई खड़ो है चिता के आनी
आरे कठुको पच्चन कही अर्जुन शेहू
कालिय पीट को हसे सब ज्वान
तब कर उड़ानी दिने धिकारो
तब कर उड़ानी दिदो है इशारो
सिकलो चक्र खिले है बानी
अरे समुई खड़ो है सिंध पर राजा
अर्जुन पहारे तुम्हारो ध्यानी
अरे तेरे करन को के मौका नाई
है दुई पासा या भी हाई बानी
भगपान कनईया ने कहा
अभी तो दिन बाकी है अर्जुन
देखो सिंध का राजा जैदरत कड़ा है
आँ दोस्तों कजब हो गया
आरे सुनि हरी पचना टीरीयर जनने
समुहें कसे हैं किशेले बाने
चाय की बान लगेंद गरदन में
तुई अंगुल भर गयें समाय
अरे सुनि हरी पचना टीरीयर जनने


अरे कट की शीशा या जुझे तो ठुपो
मारग ले गोहे जाई सब जुवा
मारग ले गोहे जाई सब जुवा
मारग ले गोहे जाई सब जुवा
मारग ले गोहे जाई सब जुवा
मारग ले गोहे जाई सब जुवा
अरे तब तो शीस धरो सर पार थो मारो कस के मीर निसान
सो सिर किरो जाई शिंदुल यंजल में बेखो जहां हाँ तो धरी ध्यान
चोको सुरत सीस को फेको छूटो ध्यान कही और उजान
दोको भयो पिता को रन में रन में मरो जेदर थजवान
नानेक शरण दास कथ गांवे भेबक्त्यार पुराई श्थान
रबिन्द चेतनि आलहागावे जेदर थपद पूंदोहे सुनाई
नानेक शरण दास कथ गांवे जेदर थपद पूंदोहे सुनाई
नानेक शरण दास कथ गांवे जेदर थपद पूंदोहे सुनाई
नानेक शरण दास कथ गांवे जेदर थपद पूंदोहे सुनाई
नानेक शरण दास कथ गांवे जेदर थपद पूंदोहे सुनाई

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