हर हर महादेव शिव शंबू महादेव
हर हर महादेव शिव शंबू महादेव
तेरी जटा से गंगा बहती है नंदी की सवारी रहती है
कह लाश के तुम दो वासी हो माँ पारवती संग रहती है
कन कन में तुमारी शक्ती है तेरी लोक तुमारी चलती है
कुछ और न चाहू मैं बोले मेरे पास तुमारी वक्ती है
मेरे पास तुमारी वक्ती है
हर हर महादेव शिव शंबू महादेव
मस्तक पे चांद सजाया है हाथों तेरी शूल उठाया है
तेरे कले में माला नागों की तू बसम रमा के आया है
तेरी नेत्र में तेरे ज्जाला है तेरा ये रूप निराला है
अब और क्या बोलूं नाथ मेरे तू जिल में बसने वाला है
हर हर महादेव, शिवशम्मू महादेव
शिवशम्मू मेरा भोला भाला हस्के पी गया विशका प्याला
ताल भी उसका क्या बिगाडे मेरा महा ताल जिसका रखवाला
यक्ष रूप धारन करके तुमने हातों में पिनाक लिया
अरे ऐसे दिव्य दिगंबर को सब देवों ने है नमन किया
मौत भी कापे देखूं से जो बसम रमा के चलता है
सब हो जाए शमशान जो तानव महा देव का होता है
हर हर महा देव शिव शम्मू महा देव
हर हर महा देव शिव शम्मू महा देव