बानी परिशान हम रोवा रहसे
जोर जाता जिऊस निरा उर्भो चहंके
बानी परिशान हम रोवा रहसे
जोर जाता जिऊस निरा उर्भो चहंके
दूसरे मै संपझे ज्ञे भासन से
आदे रखो वो जरा ज हम पे सहसन से
रोखो भो जराजा हमके सासोनो से
बोरो जाई बोजोरे कथी राज सोनो से
दिन भर में दिन दिर खाला बनाई
पूरा परिवार सते तो हो दक्या नै
रोजे रोजे राजा चाहि रोँः पूरा बकाम
यक्त खाना वाहते तामसे हम बाने पोले सान
दिरो भर मावै उटर भासोनो से
तिल भर माच निया दून दे दिक्या राजा
आदे रखो बोजरा जहांक साहसन से, मोर जैब जोरक की रासन से
सिया जोगpis्ंद ना चिया ध्यान जैसेताईगे, साच कहता निहोनो कुछो कर जाईगे
कोणी फुरटे बना के रखवरानी, बनी घणवााने बुनी गोकरानी
सुना, सुना तंस कहोगो पोर श्यासन से
आदे रखो बोजरा जहांक साहसन, मोर जैब जहांक से
हमके साह सोन से
मोर जाई गुजयर का किरा सोन से
रोकोँ भो जणा जाह
हमके साह सोन से
मोर जाई गुजयर का किरा सोन से