गूंगत निकाले धरी सर पे मतकी तो मतुरा को जाने लगी है गुझरिया
कानहा ना आये तो सोचे युगवाले आकर के रोकी है उसकी डगरिया
जाओ नन्दे लाला को बुलाओ
जाओ नन्दे लाला को बुलाओ के मतकी इसकी फोड के गिराओ
माकरे इसका ठीन के ले जाओ के मतकी इसकी फोड के गिराओ
जाओ नन्दे लाला को बुलाओ के मतकी इसकी फोड के गिराओ
बाड़े दिनो बाद मिली हमको ये गुझरिया
काना डाते हमको जो मतकी ना उधरिया
जाओ नन्दे लाला को बुलाओ के मतकी इसकी फोड के गिराओ
नन्दे बाबा से ना डरू नाई नन्दे लाल पे
कान से को सिकायत करूं किचवाओ भाल से
कहूं के तुम अब तो बचाओ के मतकी इसकी फोड के गिराओ
के तेने में आया वहाँ बंशी का बजईया
कोन सी गुझरिया है बोले यूखा नईया
कपू शर्मा नैने मिलाओ के मतकी इसकी फोड के गिराओ