सादी हो गई सोहिया किसान से
हाथु दूनों लेटाये किसान से
यहाँ चूली के लागता धूँगा
हम नईहर में रही बड़ी सान से
गोरम गोरम रोटी नरम हाथ से खिया
वेलू तह भूख बढ़ेला
की जानी रूसा हमर धनिया
दिल में दूख बढ़ेला
की जानी रूसा हमर धनिया
दिल में दूख बढ़ेला
बेलिके साडी फेटा मारी तरकारी काटे लू
नाही चाकू जब फेटा ला लेके आरी काटे लू
सदी का केलाईल नाही खिताहारा के जाए कब नह बूक पढ़ेला
कि जानी रूसा हमारे धनिया दिल में दूख बढ़ेला
कि जानी रूसा हमारे धनिया
दिल में दुलुख बढ़ेला
घाड़ बाली कहरो गाली कव बाली लगला
रोस गूलो बोस मीट ओट लाली लागेला
अब लुना हाके जब तचे हारा के गजवे तो हरा हलुक बढ़ेला
की जानी रूसा हमर धनिया
दिल में दुलुख बढ़ेला
की जानी रूसा हमर धनिया
दिल में दुलुख बढ़ेला