जाने मुरी बिंदिया कहां गई राम रे
अंगेना में ढूड़ी में ढूड़े आई पन धट
नन दिन बिंदिया कहां पई राम रे
जाने मुरी बिंदिया कहां गई राम रे
पाई कहां बिंदिया में पूछो न बताए
घड़ी घड़ी छेड़े और हस के सताए
सेजिया पे बिंदिया गमक रही राम रे
जाने मुरी बिंदिया
रूप कुरसिया बेदर्दी मुरा स्यारे
चुनरी छुडाऊं तो धामे मुरी पैयारे
बिंदिया तो पाई गवाई अब निंदिया राम
जाने मुरी बिंदिया कहां गई राम रे
अंगना में ढूंड आई पनगट
मैं में दिने बिंदिया कहां पाई राम रे
जाने मुरी बिंदिया कहां गई राम रे