बना दिये आलू से सोदा अब कहें तो तरस रहे
बना दिये आलू से सोदा अब कहें तो तरस रहे
अब तो सब की बाँझ हुई अमबर से चले अभी परस रहे
बना दिये आलू से सोदा अब कहें तो तरस रहे
आलू के माले अभी आवा चले अभी चंपा चले गाले गाले कारते रहे
मरत्या चली अभी परस रहा है
मरत्या चली अभी परस रहा है
बोगा तैया रखे तो मैं जानो अब जलेवी उगेगे किसानो
अकबारों में छप गया परचा जहां देखो जलेवी की चर्चा
खुले बैक्री हरियाना गाहुल पापा परस रहे
अब तो सब की माज हुई अमबर से जले अभी परस रहे
अब तो सब की माज हुई अमबर से जले अभी परस रहे
आदों के बाद भी अपियावा जलेवी जम्माकं भी घाने गाने गालते रहे
सब तो सब की मौत हुई, मौत हुई, मौत हुई
मर से दल या भी मर हुआ है
ये चले भी बड़ी ताकित वर है, जो पिखारा हुआ वो अमर है
मन सब का दले भी पिटोले, जब से रहू ले बाबा है खोले
धन्य है धरती के प्राणी, त्यमता दानी भी हरस रहे
अब तो सब की मौत हुई, अमबर से जले अभी बरस रहे
आगों के मारे अभी आवा जले भी, जब मज़ भी गाले गाले गालते रहे
आगों के मारे अभी गाले गाले गालते रहे