मैं उदिल बेबाई
मैं उदिल बेबाई
की बारू गर्डा
उरवले
जान हो
लागेलो बनारस के तू
मीठा पान हो
हाजी
की बारू गर्डा उरवले जान हो
लागेलो बनारस के तू मीठा पान हो
हमरा चकार में होला हो रोज लड़ा ही
मैं हूँ जिले बेबाई
मैं हूँ जिले बेबाई
मैं हूँ जिले बेबाई
मैं हूँ जिले बेबाई
एहो जिले बेबाई
देता हुँ के जिखाई
लाखों में मेरे खरचे हैं चारो तरफ मेरे चरचे हैं
समाज रहे हैं
लाख या करोर सब लुटा देब बाकी हूँ मुत्वा के पाटा लेब
साउन जमाल हल खाली हो जाई मैं हूँ जिले बेबाई
नखरान मेरा जहेलोगे
जिल्गे से मेरे तुम खेलोगे
तुम समझ रहे हैं इसा नहीं है क्या समझे
होई कौनी ससी धूही मौतवाला एक बेरे तु देखा परिके पाहाला
होई नखरान नखरान में खेलाई होई नखरान नखरान में खेलाई
जिले बेबाई मैं हूँ जिले बेबाई
एहो जिले बेबाई एहो जिले बेबाई
देतो हम के चीखाई एहो जिले बेबाई