आये गुगीत के भावबाब
कैसे
बहुं अपना सास लड़ाई करता रही?
जल्दी छूटी लेके आवा
घरवा भाईल बाकरगी
ले बबुआ में हरी तो हर कहिले बियाजी अल मूस की
जल्दी छूटी लेके आवा घरवा भाईल बाकरगी
ले बबुआ में हरी तो हर कहिले
बियाजी अल मूस की
और का क्राणप दिया?
का कोही कितना बजावतीया गाल के
लाड़तीया एक गुनू कुसा निकाल के
पताने ना
लेके दोडातीया मारे खाती हमरा के संडील
बबुआ में हरी तो हर कहिले बियाजी अल मूस की
क्या बात है हर नर्वी?
कहता है कि वो तो हमारे पहले इससे ना रहे हैं
लागता है कि कौन भर देना रहे हैं
लागता लागौले बाटे उसे के हुला हरा हमारे कहल से लिया न गईवा भारा
हमरा नावे बैजल मौनी अधरतो हरा हील
बिया की भईलस रुपिया जब किऊं है तो वो गण ले बिया की
ये बबुआमे हरी तोहर पहले बिया जी अलमूस की
ये बबुआमे हरी तोहर पहले बिया जी अलमूस की
जल्दी छूटी लेके आवा धरवा भाईल बाकर गी
ले बबुआमे हरी तोहर पहले बिया जी अलमूस की ।