जै जै गण राया तव युप्ति नामीजै जै गण राया तव युप्ति नामीहर वीला बन्धू तू कार्तिक स्वामीजै जै गण राया तव युप्ति नामीहर वीला बन्धू तू कार्तिक स्वामीलावा लावी ही यशी नारदाचीसर्यत लावी येली दोः भावाँचेमणे सहा प्रदक्षिणा खाला प्रत्वी नामीबगु कोण दो घात ये तोई पहिलाभणे सहा प्रदक्षिन घाला प्रत्वीलाबगु कोण दो घात ये तोई पहिलाजैजेगन रायात वयुक्ति नामेहरवीला बन्धू तू कार्तिक स्वामीजैजेगन रायात वयुक्ति नामेहरवीला बन्धू तू कार्तिक स्वामीवायुगतिने कार्तिक निघालावायुगतिने कार्तिक निघालापृत्वी प्रदक्षिना घालू लागलावायुगतिने कार्तिक निघालापृत्वी प्रदक्षिना घालू लागलानक्किच हरवील लंबोदरालागर्वाली कार्तिक स्वामी बोललानक्किच हरवील लंबोदरालागर्वाली कार्तिक स्वामी बोललाबुद्धिवान गणराज भारी हुशार। तु आधिमनात केला विचार। पुरुत्वी प्रदक्षिन घालू कशाला। साधी सोपी युक्ति सुचली तुझला।जैजेगण राया तव युक्ति नामे। हर्वीला बन्धू तु कार्तिक स्वामी।कार्तिक स्वामी भारी त्रासला। पुरुत्वी प्रदक्षिन घालू निदमला।ठकला बिचारा पापत आला। दशाती पाहू नगन राज हसला।ठकला बिचारा पापत आला।दशाती पाहू नगन राज हसला। हस्ता न पाहू ने मोरेश्वर आला।कार्तिक स्वामी भांबावू न गेला। माझा आधि कैसा गणेश आला। नक्कि काही तरी घोताला जाला।जैजैगण रायात्व युक्ति नामे। हर विला बन्धू तू कार्तिक स्वामे।धन्यगणेशा तू कमाल केली। माता पीत्या भूती रिंगण घाली।पिताजगधिशा जाउराई जननी। यानचा हून श्रिष्ट आहे काफोली।पिता जगधिश गवराई जननी याँचा होन श्रेष्ठ आहे का खोणीयुक्ति ने सारे एकिम्याही केली विद्याधरा तुझी किर्ति जाहलेसर्वाधी नमिला गणपति बाजा बुद्धी दाता हा दिनांचा राजाजे जेगण राया तव युक्ति नामे हर वीला बन्धू तु कार्थिक स्वामेहर वीला बन्धू तु कार्थिक स्वामे