जन्दु मुण्ड्धारणी शुम्षुम्संघारणी
चंदु मुण्ड्धारणी शुम्षुमसंघारणी रक्तबीजनाशनीतु भो चक्रतारणी
चलमे तू अचलमे तू जलमे तू ही फलमे तू आजमे तू पलमे तू इस रेकपलमे तू
तू ही आदिशक्ति है मा तू ही अनंधारा
तू ने ही तो भगतों के कस्टों को निवारा
तू ही दुर्गा तू ही काली तू ही मा अम्बे
ते बियों की एक शक्ति तू ही मा जगदंबे
जगदंबे मा अम्बे
जगदंबे मा अम्बे
तेरा नाम ले करके जो भी तर पे आया है
मांगे ही बिना वो तो हर मुराद पाया है
बटके जो भी राहों से राह तू दिखाती है
अपने बच्चों पे सडा मम्ता ही लुटाती है
तेरी लोगों में जो भी डूबा कृपा तेरी
पाईं शब्दों में बयाना हुमा तेरी एखुदाईं
जगदंबे मा अम्बे
जगदंबे मा अम्बे
जब भी कोई विपदाये तुझ को ही बुलाते हैं
इंसा क्या दे वो भी तेरी शरण लाते हैं
जब भी कोई विपदाये तुझ को ही बुलाते हैं
इंसा क्या दे वो भी तेरी शरण लाते हैं
रोप मले के चंडी का खड़ग जब उठाये
तुफिस थरा पे दुस्तो को पल में ही मिटाये
तुही शक्ती तुही मुफ्ती तुही भोस्तारे
पीनो लोकों कीतों देभी तुझ को पूझस्तारे
जगदं वे मा अंवे
जगदं वे मा अंवे
जगदं वे मा अंवे
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