अरे सुना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
पसीना तप तप चुवे लागता
अरे सुना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
पसीना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
पसीना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
पसीना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
पसीना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
पसीना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
पसीना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
पसीना थवा एक नी गर्मी बढ़ी गवा
बड़ी खुस्खवरी के बाद बागी तोंके धीरे धीरे प्यार के बारे में जणकारी हो गईल
मा ओ कहा ताड़ू की गुद्बदी होत बा
आदाहन के जैसे तोहर छलकेला पानी
तरतर पसीना चुवे मधवा से रानी
मधवा से रानी
लेकिन अब लेट मत कर
जल्दी रेड़ी होवना ता फूती है किरनिया ये भनिया
मिटीरा पानी
मिट्ठा लागे लाजवनिया ये रणिया