जगहारा
तुझ पे सब हारा
अब तो है मुझ में तेरा ही दासता
तुझ से शुरू हुई है ये
तुझ पे फना अब मेरा जग सारा
तेरी नर्म नर्म ये मोम सा चहरा
दिल को मेरे पिखलाए
बचक तेरे हिजाव से खुशबू मुझ को लुभाए
शर्बती तेरी नीली आगे वाब कोई दिखलाए
बन के सितारा दिल ये मेरा रात गुजारे
तुझ पे फना अब मेरा जग सा चहरा
याद में तेरी घोने लगा हूँ
कोई और में होने लगा हूँ
ढूंडे तुझे मेरा जहाँ
सागर, दरिया, चांद, सितारे
सब से ये पूछ रहा हूँ
देखी है क्या
तेरा निशा, तेरा यूँ सताना
रात भर जगाना
खुद कुशी लगे क्यूं
तुझ से दिल लगाना
आँखे, तेरी बाते
वो राते, जजबाते
जग हारा, तुझ पे सब हारा
अब तो है मुझ में तेरा ही दास्ता
तुझ से शुरू हुई है ये
तुझ पे फना, अब मेरा जग सारा
तेरी नर्म नर्म ये मोम सा चहरा
दिल को मेरे पिखनाए
बचक तेरे हिजाव से खुशमून
मुझ को न भाए
तुझ पे सब हारा, तुझ पे सब हारा