काय नाई बुझे निहामर लगे
कैसे अकिले हम सूतव से जरिया
चोड़िके महरी मकाने ते राजाजी रहतार भाडा में
चोड़िके महरी के जाओ
में कहें जात बड़ा नाला सो पाड़ा में
छोड़ी के महरी के जाड़ा में
कहें जात बड़ा नाला सो पाड़ा में
बड़ गई ले बातन भी पूरा चीहरे बदनिया
देखो ईले बारा काखो जी आगिनिया
बड़ गई ले बातन भी पूरा चीहरे बदनिया
देखो ईले बारा
बड़ गई ले बारा काखो जी आगिनिया
कहां खोजी अगिन्या
बात वेहा मरतु मन बाना राजा जी
उदी जाई बगाडा मैं
छोडी के महरी के ज़ाडा मैं
काहां जात बारा नाला सो पाडा मैं
छोडी के महरी के ज़ाडा मैं
काहां जात बारा नाला सो पाडा मैं
बानी ना निरदया दुख बूजी ये रामजी
साल भरत कमानी कली जाड़ा में यारामजी
बानी ना निरदया दुख बूजी ये रामजी
साल भरत कमानी कली जाड़ा में यारामजी
काटी ले रद्धिया मारे ये सोना
तो हर तारा में छोड़ी के महरी के जारा में का है जात बाड़ा नाला सो पाड़ा में