नईहरा में माझा खुब लेले बाडू यार से
जाड़ा में न झगड़ा कोईल जला भतार से
काबू झाई
बाडू न कुआरा के लाइलू ससुरार से
अभी यो समझा
बाडू न कुआरा के लाइलू ससुरार से
जाड़ा में न झगड़ा कोईल जला भतार से
जाड़ा में न झगड़ा कोईल जला भतार से
लागे जब ठाड़ा घोरवा में
केकारा के लेके सुत्वों घोरवा में
बतावा
सईया के जो गली ही न रज़ैया
याद बड़िया ये हीलल पलंके पलईया
काहे न मना यो उने का के तुँ प्यार से
फगडा न कर दे चाहे वो ओल ठाड़ा में
काहे ना मनायो उने का के तुम प्यार से जाड़ा में न जगड़ा कोईल जला भतार से
बबु आमर के इश्खोड याईलू जाड़ा में मुहावार मोड याईलू
सिंतु बिहारी के बढ़ा परसेनी रह जाई तुहर चढ़ल असही जवानी
खुस नाही भाईये तुहरा बेवहार से
ससुरा में अच्छा से रख जाई
खुस नाही भाईये तुहरा
बेवहार से
जाड़ा में ना झग़डा कोईल जला भतार से
जाड़ा में ना झग़डा कोईल जला भतार से