जनी जहडा मैं सुदी आकेले
रव पंगा परीले
कब गौरम ना होले राजाई
रोज कापत रहीले
पाड़ू धेर जाड़ा होलता जागे
बैठा यागी कि याड़ा लगे
सर कहिला
सर कहिला
सर कहिला खटिया जाड़ा लगे
जाड़ा मैं बोला मुआ प्यारा लगे
सर कहिला खटिया जाड़ा लगे
ओड़ना बिच्छना भाई बापाला लागे किचुओ तापाने
उज़दरद तनी एहो मरद जाने ऐसे तो कहरा ना दाने
हो कि नरम तनी करा सरम तुहु काबु मेरा खजाबाने
हो नाया ना बाधाने तोहर ढराणा वो जे की हेल कहाने
किचाता नी जाने करा राणे तोहर रहाने बाउर बाळा लागे
सरकाईला, सरकाईला, सरकाईला खटिया जाडा लागे
सरकाईला खटिया जाडा लागे जाडा में बलम मा प्यारा लागे
सर काईला खटिया जेरा लागे
पिया वाकस सोट रहो तू पास जोने
जाड़ा मेरा ख़तो दोरे
रोई का संगे बाद होई जरूरे ताने
समझा मनोज माँजा पोरे
कईलू तू घाही दिल में मचल ता बाही
मरू तू नैना के छूरी
अवर जाई में धखी ता बाही
तूटी ता तूटे दा चूरी
सुना रानी सब उजटता ने
तू हद्धों से मिजज यजी काड़ा लगे
सरका हीलो
सरका हीलो
सरका हीलो ख़टिया जाड़ा लगे
सरका हीलो ख़टिया जाड़ा लगे
जाड़ा में बोला मुआ प्यारा लगे
सरका हीलो ख़टिया जाड़ा लगे
सरकैला खटिया हजारा लगे