अरे भावजी का हो अरे इतना नीक जाड़ा पड़ो तक
खा के रजाई तानी के सुते लाई के ता मौसम बा
अरे तो तू सुता न तुहार बजार बनल बा अरे काहें ऐसे
कहता डू हो भावजी अरे हमरे लिए जाड़ा ना चीख हो ननदो
अरे काहें बाती हो बलो सुना बतावता ने
सैया के कामी पूरा रजया करीना
जाड़ा विकार बा बलो
आखे बीना
अब का कर भोगी एमे उमे कोके मैने ज़ कोलो आगी तापिलो तनी बतुआक साग खालो
अरे साग खाली मूली खाली चटनी खाली लेकिन ऐसे नाना माने जीवन हो
प्लईयो बड़ी गर्मा वेला हो
अरे का कहता नु हो
सुना ननदो
तापि तापि कोईला हम हो गईली करीया
तापोई कापेला हो धर धर सरीरिया
बड़ा दूख देला है माघ के महीना
बड़ा दूख देला है माघ के महीना
जाड़ा बेकार बाबलम आख बीना
सुन भो खेतनो पियत बानी ताड़ायो जाएफार
तब हुआ राम नहीं मिलतावे चानभार
बलमों के खातिर होमर धड़कात सीना
जाड़ा बेकार बाबलम आख बीना
जाड़ा बेकार बाबलम आख बीना