पलतक परिजादा
पलतक परिजादा
बहसे तम्हारी का पतनी
पुराके आगी हम ता पतनी
एहो बहसे तम्हारी का पतनी
पुराके आगी हम ता पतनी
गारा मा हट देके अहट के दावाई हो जाओ
भोर जाडा हम रजाड के रजाई हो जाओ
भोर जाडा
हम रजाड के रजाई हो जाओ
दोड के आजा तू पुराके पीछे हम रहा उपर सोना तू रही हो नीछे
ना ना ना
उससे आई हमों मेले का बहारा हो इतला गुल्ब
घरवाँसे पहारा हो बोलो
हारे कोने भोर प्यार तू कसाई हो जाओ
भोर जाडा हम रजाड के रजाई हो जाओ
हारे बेह को समीर भोईल दिन न तुखावा लागता वे थंड़ा जाओ रोब न साथावा
हम तो का करें
इतला गुल्ब ता हो मरो जड़िया हो पुछो सुझद लखे हो मरो उपईया हो
शंदा रोहत बासिके उपईयी हो जाओ
भोर जाडा हम रजाड के रजाई हो जाओ
अरे हवाला ढूको