जब से हम तुम बहारों में हो बैठे तुम नजारों में जैसे ये जिन्दग जागी आखों का खाब हैजब से हम तुम बहारों में हो बैठे तुम नजारों में जैसे ये जिन्दग जागी आखों का खाब हैजब से हम तुम बहारों में हो बैठे तुम नजारों में जैसे ये जिन्दग जागी आखों का खाब हैजब से हम तुम बहारों में हो बैठे तुम नजारों में जैसे ये जिन्दग जागी आखों का खाब हैजब से हम तुम बहारों में हो बैठे तुम नजारों में जिन्दग जागी आखों का खाब हैछोड़ दे जो नेना मोड़के दो नेना जोड़ दे जो इतना शोख है वो शर्माना भी छोड़ देये शोखी सी निगाहों की ये चोरी सी अदाओं की जैसे ये दिल की जागी आखों का खाब हैजब से हम तुम बहारों में हो बैठे गुम नजारों में कैसे है जिन्दगी