Nhạc sĩ: Vikash Bhardwaj
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स्वाभिमान पर याच ना आई जबले बापन जिन्दाबाद
भाई पंडिताना बस यही के गुमान बाद
आप ने पूरी कहं से पूछ के दियाखो वगनन के नाम क्यो निंदाबाद
कई नाम चुनिंदावा,
स्वाभिमान पर आच ना आई, जब ले बाभन जिन्दावा
जब ले
बाभन जिन्दावा
जब ले बाभन जिन्दावा जब
ले बाभन जिन्दावा
पूरा बतल जाला सुन मन सुन हो,
सेर के दाहारे गर्डा हो जाई, जे भी करत है निनदावा
स्वाभिमान पर आच ना आई, जब ले बाभन जिन्दावा
जब ले
बाभन जिन्दावा
बाभन जंग में नிहत्छल जाई हैं,
सिस कट जाईं पर पीठ नधेखाईं हैं
पूरे हिंदु समाज के जलावा बाभन धरम से जिन्दावा
पाभिमान पर याच ना आई चबले बाभन जिन्दावा